=====================. भारतीय संविधान में आदिवासियों को एक विशिष्ट समाज के रूप में चिन्हित किया गया है और उनकी सुरक्षा और विकास के लिए कई प्रावधान तैयार किये हैं, लेकिन धर्म क्र मामले में आदिवासियों को सदा से सौतेला व्यवहार झेलना पड़ा है | भारतीय जनगणना (indian Census) के कालम में देखा जाये तो आदिवासियों की अपनी धार्मिक पहचान है ही नहीं | भारत सरकार को यह बहुत अच्छी तरह से पता है की आर्यों के पहले आदिवासी सभ्यता एवं संस्कृति यहाँ विकसित थी एवं फल- फूल रही थी | सभी इतिहासकारों को यह अच्छी तरह से मालूम है |फिर भी anadekha कर आदिवासियों के साथ घोर अन्याय किया है
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ReplyDeleteभारतीय संविधान में आदिवासियों को एक विशिष्ट
समाज के रूप में चिन्हित किया गया है और
उनकी सुरक्षा और विकास के लिए कई प्रावधान तैयार
किये हैं, लेकिन धर्म क्र मामले में आदिवासियों को सदा से
सौतेला व्यवहार झेलना पड़ा है | भारतीय
जनगणना (indian Census) के कालम में देखा जाये
तो आदिवासियों की अपनी धार्मिक पहचान है ही नहीं |
भारत सरकार को यह बहुत अच्छी तरह से पता है
की आर्यों के पहले आदिवासी सभ्यता एवं
संस्कृति यहाँ विकसित थी एवं फल- फूल रही थी |
सभी इतिहासकारों को यह अच्छी तरह से मालूम है |फिर
भी anadekha कर आदिवासियों के साथ घोर अन्याय
किया है